1 हफ्ते में कोरोना की जंग जीतने वाले मरीजों की सहमति से उनका प्लाज्मा लिया जाएगा इसी से कोरोना मरीजों का इलाज होगा दिल्ली में प्लाजमा थेरेपी से कोरोना के चार गंभीर मरीजों के इलाज में सकारात्मक परिणाम सामने आने और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में भी इस तकनीक से इलाज शुरू होने के बाद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी तैयारियां शुरू कर दी है डॉक्टर आरती लालचंदानी ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो यहां भी एक हफ्ते में इस अत्याधुनिक तकनीक से कोरोना मरीज का इलाज शुरू हो जाएगा हैलट में 1 हफ्ते पहले कोरोना के साथ मरीजों को स्वस्थ कर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया यह अवधि पूरी होते ही इन मरीजों की सहमति लेकर इनके ब्लड से प्लाज्मा प्राप्त किया जाएगा और इसी से हैलट के कोविड 19 वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज होगा आपको बता दें जिस तरह से शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है उसमें यह तकनीक रामबाण साबित हो सकती है कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के ब्लड प्लाज्मा में 14 दिन में एंटीबॉडी बनने लगती है जो कोरोना वायरस को मारने में कारगर साबित होती है यदि इन एंटीबॉडी को कोरोना के दूसरे मरीजों में चढ़ा दिया जाए तो उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत तेजी से बढ़ती है इससे उनके शरीर में भी कोरोना वायरस का बहुत जल्द खात्मा हो सकता है प्लाजमा थेरेपी से कोरोना मरीजों के इलाज के एथिकल कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पास हो चुका है जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी का कहना है कि कोविड लैब में अभी दो आरटी पीसीआर मशीनें है एक मशीन और आने वाली है मशीन के जरिए डॉक्टरों को प्लाज्मा थेरेपी का प्रशिक्षण दिया जाएगा
प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज